भारत में पंचायती राज व्यवस्था के लिए समय समय पर विभिन्न समितियाँ गठित की गई हैं जिनके क्रमशः नाम इस प्रकार है
बलवंत राय मेहता समिति - 1956
संथानम समिति - 1963
सादिक अली समिति - 1964
अशोक मेहता समिति - 1977
जी.वी.के. राव समिति - 1985
एल.एम. सिंघवी समिति - 1986
पी के धुंगन समिति - 1988
बलवंत राय मेहता समिति की त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था अथवा प्रजातांत्रिक विकेन्द्रीकरण की सिफारिश पर सर्वप्रथम 2 अक्टूबर, 1959 को राजस्थान के नागौर जिले में पं. जवाहर लाल नेहरू ने पंचायती राज प्रणाली का शुभारम्भ किया था अशोक मेहता समिति ने द्विस्तरीय (जिला परिषद व मण्डल पंचायत) पंचायत व्यवस्था का सुझाव दिया था।
एल. एम. सिंघवी व पी. के. धुंगन समिति ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने की सिफारिश किया था।
पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक स्तर प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव के कार्यकाल में 73वें संविधान संशोधन अधिनियम 1992 द्वारा प्रदान किया गया है। जो 24 अप्रैल, 1993 से प्रभावी हुआ।
सादिक अली समिति का गठन राजस्थान सरकार द्वारा पंचायती राजव्यवस्था में सुधार हेतु सुझाव देने के लिए किया गया था। संथानम समिति पंचायती राज संस्थाओं के वित्तीय प्रावधान एवं उसके वितरण की समीक्षा से सम्बंधित थी।
भारत के प्रमुख पर्यावरण कानूनों की सूची इस प्रकार है
भारतीय वन अधिनियम, 192
भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 197
जल संरक्षण एवं प्रदूषण अधिनियम, 197
वन संरक्षण अधिनियम, 198
वायु संरक्षण एवं प्रदूषण अधिनियम, 198
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986
जैव विविधता अधिनियम, 2002
वन अधिकार अधिनियम, 2000
राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम, 2010
वायुमंडल की परतें और उनकी विशेषताएं
क्षोभमंडल- जलवायु एवं मौसम संबंधी घटनाएं
समताप मंडल- ओजोन परत पाई जाती है ,विमान की उड़ान के लिए आदर्श स्थिति
मध्य मंडल -ग्रीनहाउस गैसों की अनुपस्थिति ,उल्का पिंड /टूटते तारे इसी परत में होते हैं
आयन मंडल -पृथ्वी से प्रसारित रेडियो तरंग परावर्तित होती है
बहिमंडल- वायुमंडल की सबसे बाहरी परत, गुरुत्वाकर्षण बल की कमी के कारण बहुत कम गैस उपस्थित होते हैं